हलचल

‘हिन्दी के मुस्लिम कथाकार ‘शानी’ के संदर्भ में निवेदिता का एक आलेख

ये किताब जब मेरे हाथ में आयी तो मैं सोच रही थी कि जिन्दगी कितनी मुक्तलिफ होती है। जब हम नहीं होते तो हमारे जीवन के टुकड़े अलग अलग शक्लों में होती है। शानी के बारे में पढ़ना वैसा ही है जैसे दुनिया के अनुभवों से अनुगुंजित होना। इस किताब में शानी के जीवन और […]

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