Media

10 फरवरी 2024, कथाकार गुलशेर ख़ॉं ‘शानी’ का स्मृति दिवस

शानी के मा’नी—ज़ाहिद ख़ान शानी के मा’नी यूं तो दुश्मन होता है और गोया कि ये तख़ल्लुस का रिवाज ज़्यादातर शायरों में होता है। लेकिन शानी न तो किसी के दुश्मन हो सकते थे और न ही वे शायर थे। हां, अलबत्ता उनके लेखन में शायरों सी भावुकता और काव्यत्मकता ज़रूर देखने को मिलती है। […]

Read more...

चर्चित रचनाकार गुलशेर खां ‘शानी’ पर रायपुर में 2 दिन का सेमिनार, कई जाने-माने रचनाकारों ने लिया हिस्सा

Published in India TV

Read more...

‘काला जल’ को इस नज़रिये से भी देखिए

ज़ाहिद ख़ान कथाकार गुलशेर ख़ाँ शानी ने अपनी बासठ साला ज़िंदगानी में बेशुमार लिखा। अनेक बेहतरीन कहानियां और उपन्यास उनकी कलम से निकले। ख़ास तौर पर उनके आत्मीय संस्मरण ‘शाल वनों का द्वीप’ का कोई जवाब नहीं। लेकिन इन सबसे अव्वल उनका कालजयी उपन्यास ‘काला जल’ है। जिसे न सिर्फ़ हिंदी के बड़े आलोचकों ने […]

Read more...

लाला जगदलपुरी जिला ग्रंथालय में “शानी” जी की रचनाओं पर विचार संगोष्ठी का आयोजन

  जगदलपुर, 10 फ़रवरी- लाला जगदलपुरी जिला ग्रंथालय जगदलपुर में प्रख्यात साहित्यकार गुलशेर खान शानी की रचनाओं पर विचार संगोष्ठी जिला  प्रशासन  की ओर से रखा गया था। जिसमें वक्ताओं ने शानी  के साथ बिताये अपने संस्मरणों  को श्रोताओं  के साथ साझा किया। बता दें जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान जी के नेतृत्व में कार्यक्रम का  […]

Read more...

इमारत गिराने वाले

                                                                                        आधुनिक खड़ी बोली के पहले बड़े मुसलिम साहित्यकार गुलशेर ख़ाँ शानी […]

Read more...

हर रचनाकार को हलफ़ उठाना पड़ेगा-अशोक वाजपेयी

नयी दिल्ली: सुप्रसिद्ध कवि और आलोचक अशोक वाजपेयी ने कहा कि हर आदमी सिर्फ़ अपने बारे में हलफ़ उठा सकता है। हम बहुत आसानी से दूसरों को कटघरे में खड़ा कर देते हैं और जज बन जाते हैं। उन्होंने कहा कि हिंदी साहित्य में एक मूल्यबोध रहा है और स्वतंत्रता, न्याय तथा लोकतंत्र, इनके बीच […]

Read more...

बासु चैटर्जी, शौकीन, शानी और शेख़ सराय

http://epaper.navbharattimes.com/details/111620-123858619-1.html

Read more...

जन्मदिन विशेष : शानी और उनका ‘काला जल

जन्मदिन विशेष : शानी और उनका ‘काला जलअमरीक हिंदी बल्कि कहना चाहिए कि हिंदुस्तानी उपन्यास के विकास क्रम में ‘काला जल’ की दस्तावेजी अहमियत पहले संस्करण (प्रकाशन काल: 1965) से ही स्थापित हो गई थी। यह शानी की वह महान रचना है जिसने उन्हें भरपूर युवावस्था में ही महानता के निकट कर दिया था। प्रेमचंद-यशपाल […]

Read more...

शानी के मानी -ज़ाहिद ख़ान

16 मई, कहानीकार शानी की जयंती शानी के मानी यूं तो दुश्मन होता है और गोयाकि ये तखल्लुस का रिवाज ज्यादातर शायरों में होता है। लेकिन शानी न तो किसी के दुश्मन हो सकते थे और न ही वे शायर थे। हां, अलबत्ता उनके लेखन में शायरों सी भावुकता और काव्यत्मकता जरुर देखने को मिलती […]

Read more...

शानी के मानी

ज़ाहिद ख़ान शानी के मानी यूं तो दुश्मन होता है और गोयाकि ये तखल्लुस का रिवाज ज्यादातर शायरों में होता है। लेकिन शानी न तो किसी के दुश्मन हो सकते थे और न ही वे शायर थे। हां, अलबत्ता उनके लेखन में शायरों सी भावुकता और काव्यत्मकता जरुर देखने को मिलती है। शानी अपने लेखन […]

Read more...