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गुलशेर खान “शानी”: मुलाक़ात की कहानी

विनोद दास यह वह समय था जब दिल्ली के सांस्कृतिक ह्रदय मंडी हाउस स्थित रवीन्द्र भवन के साहित्य अकादमी परिसर में हिन्दी साहित्य की दो विभूतियाँ साहित्य की दो आँखों की तरह एक दूसरे के पड़ोस में बैठती थीं। एक थे हमारे समय के सबसे विवादास्पद और प्रखर कवि -अनुवादक विष्णु खरे और दूसरे कस्बाई […]

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