उद्देश्य

साहित्य और कला दो संस्कृतियों के बीच सामंजस्य बैठाते हुए समय के साथ आगे बढ़ने की समझ पैदा करती हैं। इतिहास गवाह है कैसे प्रकाशित शब्दों ने वक़्त की धारा बदली और इस दौरान लेखकों ने दुनिया को बेहतर और सभ्य बनाने के लिए कैसी कीमतें चुकाईं।  शानी फाउंडेशन उत्कृष्ट साहित्य और उससे जुड़े मूल्यों और वर्तमान समाज में उसकी प्रासंगिकता को प्रोत्साहित करना चाहता है जिसे शानी ने जिया है।

भारत के सबसे पिछड़े इलाकों में से एक बस्तर के शहर जगदलपुर में जन्मे शानी आगे चल कर भारत के सबसे महत्वपूर्ण लेखकों में एक बने।  शायद शानी की ये खुशनसीबी थी की साहित्य के केंद्र बड़े शहरों में उनके समकालीन साथियों ने उनके काम को देखा और सराहा। लेकिन विविधता भरे हमारे समाज में कला की कई शैलियाँ और रूप साथ साथ पनपते हैं पर प्रोत्साहन के अभाव में उन्हें उचित मौका या सम्मान नहीं मिलता। शानी फाउंडेशन इसी कमी को पूरा करने की दिशा में पहल कर रहा है।