चर्चित रचनाकार गुलशेर खां ‘शानी’ पर रायपुर में 2 दिन का सेमिनार, कई जाने-माने रचनाकारों ने लिया हिस्सा


रायपुर: छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद की साहित्य अकादमी द्वारा शानी फाउंडेशन के सहयोग से देश के चर्चित रचनाकार गुलशेर खां ‘शानी’ पर रायपुर में 2 दिन के सेमिनार का आयोजन हुआ। इस सेमिनार में कई आलोचकों और रचनाकारों ने शानी की कहानियों के भाषा शिल्प और उनकी बनावट पर अपने विचार रखे। जाने-माने आलोचक राहुल सिंह ने शानी की कहानियों पर बात करते हुए कहा कि उनकी रचना में गरीबी के किस्से और हाशिये पर खड़े समाज की बेबसी बहुत ही आसानी से जाहिर हो जाती है।
 
जगदलपुर के वरिष्ठ रचनाकार योगेंद्र मोतीवाला ने भी शानी की रचना शैली पर अपने विचार रखे। उन्होंने शानी के बहुचर्चित उपन्यास ‘काला जल’ की कुछ पंक्तियों का पाठ करके तत्कालीन परिस्थितियों को लेखक की कहानियों में रेखांकित किया। वहीं, सत्र की अध्यक्षता कर रहे लेखक अशोक कुमार पांडे ने कहा कि शानी की रचनाओं में गरीब समाज काफी करीब से नजर आता है और इस समाज को सटीक तरीके से सामने रखना शानी की कामयाबी है। पांडे ने बाद में अल्पसंख्यक , महिलाओं और दलितों के सभी क्षेत्रों में कम प्रतिनिधित्व को ले कर चिंता भी जाहिर की।


‘आज के दौर में शानी’ विषय पर वरिष्ठ साहित्यकार विजय गुप्त ने कहा शानी ख्वाब नही दिखाते बल्कि पूरी ईमानदारी से सच को सामने रखते हैं। वहीं, कथाकार शशांक ने शानी की रचनाओं के तीन अलग-अलग हिस्सों में बांट कर बस्तर से ग्वालियर, भोपाल और दिल्ली की कहानियों के अलग अलग विषयों को रेखंकित किया। अंत में संस्कृति परिषद की ओर से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सलाहकार विनोद वर्मा ने अकादमी को सफल आयोजन के लिये बधाई दी। छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी के अध्यक्ष ईश्वर सिंह दोस्त और शानी फाउंडेशन के मैनेजिंग ट्रस्टी फीरोज शानी आयोजन की सफलता पर अतिथियों, लेखकों एवं आलोचकों का आभार व्यक्त किया।

रायपुर: छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद की साहित्य अकादमी द्वारा शानी फाउंडेशन के सहयोग से देश के चर्चित रचनाकार गुलशेर खां ‘शानी’ पर रायपुर में 2 दिन के सेमिनार का आयोजन हुआ। इस सेमिनार में कई आलोचकों और रचनाकारों ने शानी की कहानियों के भाषा शिल्प और उनकी बनावट पर अपने विचार रखे। जाने-माने आलोचक राहुल सिंह ने शानी की कहानियों पर बात करते हुए कहा कि उनकी रचना में गरीबी के किस्से और हाशिये पर खड़े समाज की बेबसी बहुत ही आसानी से जाहिर हो जाती है।
 
जगदलपुर के वरिष्ठ रचनाकार योगेंद्र मोतीवाला ने भी शानी की रचना शैली पर अपने विचार रखे। उन्होंने शानी के बहुचर्चित उपन्यास ‘काला जल’ की कुछ पंक्तियों का पाठ करके तत्कालीन परिस्थितियों को लेखक की कहानियों में रेखांकित किया। वहीं, सत्र की अध्यक्षता कर रहे लेखक अशोक कुमार पांडे ने कहा कि शानी की रचनाओं में गरीब समाज काफी करीब से नजर आता है और इस समाज को सटीक तरीके से सामने रखना शानी की कामयाबी है। पांडे ने बाद में अल्पसंख्यक , महिलाओं और दलितों के सभी क्षेत्रों में कम प्रतिनिधित्व को ले कर चिंता भी जाहिर की।

‘आज के दौर में शानी’ विषय पर वरिष्ठ साहित्यकार विजय गुप्त ने कहा शानी ख्वाब नही दिखाते बल्कि पूरी ईमानदारी से सच को सामने रखते हैं। वहीं, कथाकार शशांक ने शानी की रचनाओं के तीन अलग-अलग हिस्सों में बांट कर बस्तर से ग्वालियर, भोपाल और दिल्ली की कहानियों के अलग अलग विषयों को रेखंकित किया। अंत में संस्कृति परिषद की ओर से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सलाहकार विनोद वर्मा ने अकादमी को सफल आयोजन के लिये बधाई दी। छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी के अध्यक्ष ईश्वर सिंह दोस्त और शानी फाउंडेशन के मैनेजिंग ट्रस्टी फीरोज शानी आयोजन की सफलता पर अतिथियों, लेखकों एवं आलोचकों का आभार व्यक्त किया। इस मौक़े पर शानी की तस्वीरों और विभिन्न साहित्यकारों उनके मूल्यांकन की प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया

Published in India TV

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