हलचल

शानी का नरेटर अब भी उतना ही प्रासंगिक

  ‘शानी की इससे बड़ी प्रासंगिकता और क्या होगी कि शानी का नरेटर जिस भय,शंका और डर से ग्रस्त है,18-19 का भारतीय समाज का नरेटर भी उसी स्तर पर खड़ा है।देशप्रेम का झुनझुना,प्रपंच के बरअक्स शानी ने मुस्लिम समाज की प्रमाणिकता को सही अर्थों में लाने का काम किया है और राजनैतिक संदेश दिया है।कालाजल […]

Read more...

सांप्रदायिकता के खि़लाफ़ मुहिम में शानी का साहित्य आज भी प्रासंगिक

भोपाल, 10 फरवरी, (भाषा) देश के जाने माने साहित्यकारों ने रविवार को प्रसिद्ध हिन्दी लेखक गुलशेर खान शानी के समग्र साहित्य ‘शानी रचनावली’ और साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित शानी पर लिखे उर्दू विनिबंध (मोनोग्राफ) का लोकार्पण किया। इस मौके पर ‘हिन्दी साहित्य में हाशिये के लोग और शानी की प्रासांगिकता’ विषय पर संगोष्ठी भी आयोजित […]

Read more...